08 अगस्त, 2020

MSME का वर्गीकरण

 


MSME का वर्गीकरण 01 जुलाई 2020 से

 

 एमएसएमई होने के लिये पहले  उद्यम पंजीकरण होना आवश्यक है। 

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने 26 जून 2020 की अपनी अधिसूचना से  "उद्यम  पंजीकरण" की शुरुआत  की है । उद्यम पंजीकरण के द्वारा उद्यमों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में विभाजित किया जाएगा ।  ज्ञापन दाखिल करने के लिए विशिष्ट रूप और प्रक्रिया।

उद्यम पंजीकरण 01 जुलाई, 2020 से प्रभावी होगा और कोई भी व्यक्ति जो इस अधिसूचना के तहत परिभाषित वर्गीकरण के अनुसार एक सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम को स्थापित करना चाहता है,उसको उद्यम पंजीकरण के लिए ऑनलाइन फाइल करने की आवश्यकता होगी।

 

उद्यम पंजीकरण के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु।

1. कोई भी व्यक्ति जो सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम स्थापित करने का इरादा रखता है, वह उद्यम पंजीकरण पोर्टल  पर उद्यम पंजीकरण ऑनलाइन दर्ज कर सकता है।

2. आवेदन करने के लिए कोई दस्तावेज, कागजात, प्रमाण पत्र या प्रमाण को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है।

3. उद्यम पोर्टल पर सफल पंजीकरण होने पर "उद्यम" कहलाएगा । 

4. सभी पंजीकृत उद्यम को एक स्थायी पहचान संख्या "उद्यम पंजीकरण संख्या" दी जाएगी।

5. "उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र" पंजीकरण प्रक्रिया के सफल होने पर जारी किया जाएगा।

 

एमएसएमई उद्यमों का वर्गीकरण। 

एक उद्यम को निम्न मानदंडों के आधार पर सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा:

 

सूक्ष्म:

यदि उद्यम के मशीनरी या उपकरण में निवेश एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और पिछले वर्ष का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।  तो ऐसा उद्यम सूक्ष्म उद्यम कहलाएगा । 

लघु:

यदि उद्यम के संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश एक करोड़ रुपये से अधिक है तथा दस करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और पिछले वर्ष का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से अधिक तथा पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। तो ऐसा उद्यम लघु उद्यम कहलाएगा।  

 मध्यम:

यदि उद्यम के संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश दस करोड़ रुपये से अधिक है तथा पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और पिछले वर्ष का टर्नओवर पचास करोड़ रुपये से अधिक तथा दो सौ पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है । तो ऐसा उद्यम मध्यम उद्यम कहलाएगा । 

सूक्ष्म, लघु या मध्यम के रूप में एक उद्यम के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर का एक समग्र मानदंड लागू होगा।

यदि कोई उद्यम निवेश या टर्नओवर के दो मानदंडों में से किसी एक में अपनी वर्तमान श्रेणी के लिए दिए गए मानदंड की सीमा को पार करता है, तो वह उस श्रेणी में मौजूद नहीं रहेगा और उसे अगली उच्च श्रेणी में रखा जाएगा, लेकिन उसे निम्न श्रेणी में तब तक नहीं रखा जाएगा जब तक वह दोनों मानदंडों की सीमा से नीचे नहीं आता।

 एक ही पैन से जीएसटी पोर्टल के पर पंजीकृत सभी इकाइयों को सामूहिक रूप से एक ही उद्यम माना जाएगा और इस तरह की सभी संस्थाओं के लिए टर्नओवर और निवेश को एक साथ मिलकर देखा जाएगा और श्रेणी तय करने के लिए सभी इकाइयों को मिलाकर टर्नओवर और निवेश की गणना की जाएगी 

 

संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश की गणना। 

1. निवेश की गणना आयकर अधिनियम, 1961 के तहत दायर पिछले वर्षों के आईटीआर से जुड़ी होगी।

2. यदि नया उद्यम है और आज तक कोई आईटीआर दायर नहीं किया गया है, तो निवेश स्व-घोषणा पर आधारित होगा और इस तरह की छूट फाइनैन्शल वर्ष के पहले आईटीआर के 31 मार्च के बाद समाप्त हो जाएगी।

3. संयंत्र और मशीनरी का क्रय मूल्य जीएसटी को छोड़कर लिया जाएगा।

4. अधिनियम की धारा 7 की उपधारा (1) के स्पष्टीकरण I में निर्दिष्ट कुछ मदों की लागत को संयंत्र और मशीनरी में निवेश की गणना से बाहर रखा जाएगा।

 

टर्नओवर की गणना। 

1. वस्तु या सेवाओं या दोनों के निर्यात को, टर्नओवर की गणना से बाहर रखा जाएगा।

2. टर्नओवर आयकर और जीएसटीआईएन से जुड़ा होगा।

3. यदि उद्यम के पास पैन नहीं है, तो 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए स्व-घोषणा बास पर टर्नओवर होगा, उसके बाद पैन और जीएसटीआईएन अनिवार्य होगा।

 

उद्यम पंजीकरण की प्रक्रिया । 

1. सबसे पहले उद्यम रेजिस्ट्रैशन पोर्टल पर जाएं।

2. उद्यम पंजीकरण के लिए आधार संख्या अनिवार्य होगी।

3. प्रोप्राइटरशिप के मामले में प्रोप्राइटर के लिए, पार्टनरशिप फर्म के मामले में मैनेजिंग पार्टनर के लिए और एचयूएफ के मामले में कर्ता के लिए आधार अनिवार्य ।

4. यदि कंपनी या एलएलपी या अन्य संगठन है तो उसका अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अपने आधार नंबर के साथ  जीएसटीआईएन और पैन प्रदान करेगा।

5. कोई भी उद्योग एक से अधिक उद्योग पंजीकरण नहीं करेगा।

6. किसी भी पंजीकरण में किसी भी गतिविधि को एक उद्यम पंजीकरण में जोड़ा जा सकता है।

7. यदि उद्यम पंजीकरण में कोई गलत जानकारी या गलत सूचनाएँ प्रदान की गई है तो वह अधिनियम की धारा 27 के तहत निर्दिष्ट दंड के लिए उत्तरदायी होगा ।

 

मौजूदा उद्यमों के लिए पंजीकरण आवश्यकताएँ। 

1. 30 जून 2020 तक पंजीकृत सभी मौजूदा उद्यमों को जुलाई, 2020 के 01 वें दिन या उसके बाद उदयम पंजीकरण पोर्टल पर फिर से पंजीकरण करने की आवश्यकता होगी।

2. 30 जून 2020 तक पंजीकृत सभी उद्यमों को इस अधिसूचना के अनुसार फिर से वर्गीकृत किया जाएगा।

3. 30 जून 2020 से पहले पंजीकृत सभी मौजूदा उद्यम केवल मार्च, 2021 के 31 वें दिन तक के लिए वैध रहेंगे।

 

जानकारी और रिटर्न दाखिल का अपडेट । 

1. उद्यम के तहत पंजीकृत कोई भी उद्यम अपनी जानकारी को पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट करेगा, जिसमें आईटीआर और पिछले साल का जीएसटी विवरण शामिल हैं। और अन्य आवस्यक जानकारीया ।

2. यदि उद्यम समय के भीतर उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर प्रासंगिक जानकारी को ऑनलाइन अपडेट नहीं करता है, तो उसकी स्थिति निलंबित कर दी जाएगी।

3. आईटीआर या जीएसटी रिटर्न से उपलब्ध जानकारी के आधार पर उद्यम की स्थिति को तदनुसार अपडेट किया जाएगा । 

4. यदि उद्यम की स्थिति में कोई परिवर्तन होता है तो उसके विषय मे सूचित किया जाएगा । 

संदर्भ भारत का राजपत्र सं (CG-DL-E-26062020-220191)

DISCLAIMER: - यह लेख लिखने के समय उपलब्ध तथ्यों के आधार पर लिखा गया है । किसी भी समय मैं इसके किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष  परिणाम के लिए उत्तरदायी नहीं  हूँ । यह केवल ज्ञान साझा करने के उद्देश्य  से लिखा गया है।

AUTHOR - सीएस सुधीर आर्य, कार्यरत कंपनी सचिव और स्टार्टअप सलाहकार है और इनसे  MAILTOSUDHIRARYA@GMAIL.COM या WWW.SUDHIRARYA.COM पर संपर्क किया जा सकता है।

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